Movie/Album: आज और कल (1963)
Music By: रवि
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
इतनी हसीन इतनी जवाँ रात क्या करें
जागे हैं कुछ अजीब से जज़बात क्या करें
इतनी हसीन...
पेड़ों के बाज़ूओं में लचकती है चांदनी
बेचैन हो रहे हैं ख़यालात क्या करें
जागे हैं कुछ अजीब से...
साँसों में घुल रही है किसी साँस की महक
दामन को छू रहा है कोई हाथ क्या करें
जागे हैं कुछ अजीब से...
शायद तुम्हारे आने से ये भेद खुल सके
हैरान हैं कि आज नयी बात क्या करें
जागे हैं कुछ अजीब से...
Music By: रवि
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
इतनी हसीन इतनी जवाँ रात क्या करें
जागे हैं कुछ अजीब से जज़बात क्या करें
इतनी हसीन...
पेड़ों के बाज़ूओं में लचकती है चांदनी
बेचैन हो रहे हैं ख़यालात क्या करें
जागे हैं कुछ अजीब से...
साँसों में घुल रही है किसी साँस की महक
दामन को छू रहा है कोई हाथ क्या करें
जागे हैं कुछ अजीब से...
शायद तुम्हारे आने से ये भेद खुल सके
हैरान हैं कि आज नयी बात क्या करें
जागे हैं कुछ अजीब से...